प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नई पहल की शुरुआत की है। उन्होंने Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana के तहत 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे ₹10,000 की पहली किस्त भेज दी है। इस योजना का मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।
महिलाओं के लिए बड़ा आर्थिक सहारा
योजना की शुरुआत के साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह केवल शुरुआती मदद है। आगे चलकर जिन महिलाओं ने छोटे-छोटे रोजगार या व्यवसाय शुरू किए हैं, उन्हें ₹2 लाख तक अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। इससे महिलाएं न सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकेंगी बल्कि समाज में भी आत्मनिर्भरता का उदाहरण पेश करेंगी।
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ
यह योजना मुख्य रूप से बिहार की महिलाओं के लिए शुरू की गई है। इसमें पात्रता के तौर पर महिला का राज्य की निवासी होना ज़रूरी है और उसकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। लाभार्थी महिला या उसका पति आयकरदाता नहीं होना चाहिए और न ही सरकारी नौकरी या संविदा सेवा में होना चाहिए। योजना का लाभ एक परिवार से केवल एक महिला को दिया जाएगा। जिन महिलाओं का नाम स्वयं सहायता समूहों (SHG) में दर्ज है, उन्हें आवेदन में प्राथमिकता मिलेगी।
रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर
योजना के अंतर्गत महिलाओं को कृषि, हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग जैसे कामों से जोड़ने की योजना बनाई गई है। सरकार ग्रामीण हाट और मार्केटिंग नेटवर्क का भी विकास कर रही है ताकि महिलाएं अपने उत्पाद सीधे बेचकर अधिक लाभ कमा सकें। इसके साथ ही प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे जिससे वे अपने रोजगार को लंबे समय तक चला सकें।
Conclusion: PM मोदी द्वारा लॉन्च की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से बिहार की 75 लाख महिलाओं को सीधा आर्थिक सहारा मिला है। पहली किस्त के रूप में ₹10,000 की राशि उनके खातों में ट्रांसफर कर दी गई है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने की एक बड़ी पहल है।
Disclaimer: यह आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। योजना की शर्तें और पात्रता राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर बदली जा सकती हैं। किसी भी लाभ का दावा करने से पहले आधिकारिक पोर्टल या स्थानीय सरकारी विभाग से जानकारी अवश्य जांचें।
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